गर्मीयों से दिल बेहाल: सरल सावधानियां तनाव को कम कर सकती हैं
By Dr. (Prof.) Purshotam Lal in Cardiology Interventional Cardiology
May 21, 2019
इन दिनों देश के अधिकांश हिस्सों में गर्मी से बुरा हाल है और स्वस्थ लोगों के लिए यह बिल्कुल ठीक नही है। हृदय की समस्या वाले लोगों के लिए कड़ी धूप व गर्म दिन में काम करना व बाहर निकलना खतरनाक हो सकता है। आज भारत में होने वाली मौतों की सबसे बड़ी वजह हृदय संबंधी बीमारियां हैं। जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसकी एक वजह यह है कि लोग तब तक अपने हृदय की जाँच नहीं करवाते जब तक कि बीमारी पूरी तरह से बढ़ नहीं जाती।
आपका शरीर बहुत अधिक गर्म (या बहुत ठंडा) नहीं होना चाहिए। यदि आपका तापमान बहुत अधिक बढ़ जाता है, तो प्रोटीन जो आपके शरीर का निर्माण करते हैं काम करना बंद कर देते हैं। मानव शरीर दो तरीकों से अतिरिक्त गर्मी लेता है और दोनों ही हृदय को तनाव देते हैं
विकिरण (रेडियेषन) – पहाड़ों के बहते पानी की तरह, गर्मी स्वाभाविक रूप से गर्म क्षेत्रों से ठंडे क्षेत्रों तक चलती है। जब तक आपके आस-पास की हवा आपके शरीर की तुलना में ठंडी होती है, आप गर्मी को हवा में फैलाते हैं। लेकिन जब हवा का तापमान आपके शरीर के तापमान के बराबर पहुंचता है तो यह स्थानांतरण रुक जाता है।
रेडियेषन को रक्त प्रवाह को पुनः व्यवस्थित करने की आवश्यकता होती है, ताकि इसका अधिक हिस्सा त्वचा में जा सके। इससे दिल तेजी से धड़कता है और सख्त हो जाता है। एक ठंडे दिन की अपेक्षा गर्म दिन में, यह प्रत्येक मिनट में दो से चार गुना अधिक रक्त प्रवाहित करता है।
वाष्पीकरण – पसीने का हर अणु जो आपकी त्वचा से वाष्पित होता है, गर्मी को दूर भगाता है। शुष्क दिन पर, एक चम्मच पसीने का वाष्पीकरण आपके पूरे रक्त प्रवाह को 2 डिग्री तक ठंडा कर सकता है। लेकिन जब नमी 75 प्रतिषत से अधिक होती है तो हवा में इतना जल वाष्प हो जाता है कि तेजी से वाष्पीकरण होना मुश्किल हो जाता है।
वाष्पीकरण भी हृदय प्रणाली को तनाव देता है। पसीना शरीर से गर्मी खींचता है तथा मांसपेशियों से सोडियम, पोटेशियम व अन्य आवश्यक खनिजों को भी खींचता है जो षरीर में पानी के संतुलन को बनाए रखता है।
अधिकांश स्वस्थ लोग इन बदलावों को सहन कर जाते हैं। परन्तु बिमार, कमजोर दिल वाले, या बुजुर्ग लोग जिनके शरीर एक बार किए गए तनाव का सहजता से जवाब नहीं दे पाते, वे हीट स्ट्रोक का शिकार हो सकते हैं।
हीट स्ट्रोक
- हीट स्ट्रोक यानी लू लगना गर्मी का सबसे गंभीर रूप है और इसे मेडिकल इमरजेंसी माना जाता है
- हीट स्ट्रोक मस्तिष्क या षरीर के अन्य आंतरिक अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकता है
- हालांकि हीट स्ट्रोक मुख्य रूप से 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को प्रभावित करता है, लेकिन यह स्वस्थ युवा एथलीटों पर भी भा पड़ता है। हीट स्ट्रोक से अक्सर गर्मी की ऐंठन, बेहोशी, और थकावट जैसी समस्याएं होती है।
- गर्मी के मौसम में काफी दवाइयाँ खासकर जो ब्लड प्रेषर के लिए ली जाती है उनसे गर्मी को सहन कर पाना और भी मुष्किल हो जाता है
- दवाई लेने के बाद भी मरीज का ब्लड प्रेषर नियंत्रित नही हो पाता जिसकी वजह से सिरदर्द व घबराहट की षिकायत होने लगती है ऐसे में गर्मी से बचना और भी जरुरी हो जाता है
- गर्मी के कारण षरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है जिससे निर्जलीकरण (डिहाइड्रेषन) की संभावना बढ़ जाती है और खून पतला होने की भी षिकायत आने लगती है
- ऐसे मरीज जिनके हृदय में पहले से स्टंट डले है उन्हे विषेषकर गर्मी से बचने की आवष्यकता होती है तथा डाॅक्टर की सलाह के अनुसार अधिक मात्रा में पानी का इस्तेमाल करना चाहिए।
कुछ सरल उपाय आपको मौसम के अनुकूल होने में मदद कर सकते हैं और आपके दिल को नियंत्रित रख सकते हैं।
नियमित व्यायाम या अन्य शारीरिक गतिविधियां करें जिसके लिए सुबह और शाम का समय सबसे अच्छा समय होता है। यदि आप नियमित व्यायाम करते हैं, तो आमतौर पर आप जितना पानी पीते है उससे अधिक पीयेंगे। जिससे आपके षरीर में पानी की मात्रा की कमी नही हागी।
ठंडी हवा गर्मी को मात देने का सबसे अच्छा तरीका है। पंखे काम तो करते हैं, मगर एक हद तक – जब हवा आपके षरीर की गर्मी जितनी गर्म होती है तो पंखे के सामने बैठना एक ब्लो ड्रायर के सामने बैठने जैसा हो जाता है। इसलिए दिन में कम से कम एक से दो घंटे एक एयर कंडीशनर कमरे में समय बितायें। दिन में दो बार शॉवर या स्नान कर सकते हैं, या अपने हाथ के नीचे या अपने कमर पर एक ठंडा, गीला कपड़ा या बर्फ पैक डाल सकते हैं।
अधिक गर्मी और शुष्क दिनों में, हर घंटे एक गिलास पानी पीने की कोशिश करें। (यदि आपको दिल की बिमारी है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें।) शुगर सोडा और फुल-स्ट्रेंथ फ्रूट जूस ले सकते हैं, क्योंकि ये पाचन तंत्र से रक्तप्रवाह तक पानी के मार्ग को धीमा कर देते हैं। और गलती से भी कैफीन युक्त पेय या अल्कोहल पर निर्भर न हों क्योंकि वे निर्जलीकरण का कारण बन सकते हैं।
हल्का भोजन करंे, ठंडा सूप, सलाद और फल आपकी भूख को संतुष्ट कर सकते हैं और आपको अतिरिक्त तरल पदार्थ दे सकते हैं।
धूम्रपान न करें
- धूम्रपान हृदय रोगों के लिए प्रमुख जोखिम कारणों में से एक है
- निकोटीन का सेवन रक्त वाहिकाओं को संकुचित करता है, जिससे हृदय कठोर होता है
- कार्बन मोनोऑक्साइड रक्त में ऑक्सीजन को कम करता है और रक्त वाहिकाओं के लेयर को नुकसान पहुंचाता है
- आपको अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए धूम्रपान की लत को छोड़ना होगा।
गर्मी में बीमारी के संकेत
गर्मी से संबंधित परेशानी चिड़चिड़ी गर्मी (जिसे हीट रैश भी कहा जाता है) से लेकर थकावट और संभावित घातक हीट स्ट्रोक जैसी परेशानियां होती हैं। यह बताना मुष्किल होगा कि गर्मी की थकावट कहाँ समाप्त होती है और हीट स्ट्रोक शुरू हो जाता है।
इसके लिए तत्पर रहेंः
- सरदर्द, चक्कर व थकान
- चिड़चिड़ा पन
- उलटी व मितली
- बुखार, सांस का फूलना
- षरीर में सूजन या कमजोरी
- मांसपेशियों में मरोड़
- धड़कन में अनियमितता
यदि आपको लगता है कि आपको गर्मी से संबंधित समस्याएं हो रही हैं, या किसी अन्य व्यक्ति में इसके लक्षण देखते हैं, तो तुरंत वातानुकूलित स्थान पर जाना और ठंडा पानी पीना सबसे महत्वपूर्ण काम हैं। यदि इससे कोई आराम नहीं होता और लक्षण बने रहते हैं, तो अपने डॉक्टर को फोन करें या आपातकालीन विभाग के अस्पताल में जाएँ।