
अगर दिखें ये 7 लक्षण, तो तुरंत करवाएं लिवर की जांच
By Dr. Harsh Kapoor in Gastroenterology
Apr 17, 2025
लिवर हमारे शरीर का एक ऐसा अंग है जो लगभग 500 से भी अधिक ज़रूरी कार्य करता है – जैसे भोजन को ऊर्जा में बदलना, विषैले तत्वों को बाहर निकालना, और पोषक तत्वों को स्टोर करना। अक्सर देखा जाता है कि मरीज लिवर से जुड़ी समस्याओं को तब तक गंभीरता से नहीं लेते जब तक स्थिति बिगड़ न जाए। अगर समय रहते लक्षणों की पहचान कर ली जाए, तो लिवर की कई बीमारियों से आसानी से बचा जा सकता है।
ऐसे 7 प्रमुख लक्षण जिनके दिखने पर लिवर की जांच कराना बेहद जरूरी है:
लगातार थकान और कमजोरी
यदि कोई व्यक्ति बिना अधिक परिश्रम किए ही हर समय थका हुआ महसूस करता है, तो यह लिवर की कार्यप्रणाली में गड़बड़ी का संकेत हो सकता है। लिवर की कमजोरी से शरीर में ऊर्जा उत्पादन प्रभावित होता है।
भूख कम लगना और वजन गिरना
कई बार लिवर की बीमारी के चलते मरीज़ को भूख नहीं लगती, और शरीर में मांसपेशियाँ टूटने लगती हैं, जिससे वज़न तेजी से कम हो सकता है।
पेट में सूजन या दाहिनी तरफ दर्द
लिवर दाहिनी ऊपरी तरफ होता है। अगर इस स्थान पर हल्का दर्द या सूजन बनी रहती है, तो यह लिवर में सूजन, फैटी लिवर या ट्यूमर का संकेत हो सकता है।
पीलिया (जॉन्डिस)
यह लिवर की बीमारी का एक क्लासिक लक्षण है। आंखों और त्वचा का पीला पड़ना, मूत्र का गहरा रंग – ये सब संकेत करते हैं कि लिवर बिलीरुबिन को ठीक से प्रोसेस नहीं कर पा रहा।
पाचन संबंधी समस्याएं
लिवर से पित्त स्राव होता है जो वसा के पाचन में मदद करता है। अगर मरीज को बार-बार अपच, गैस, जी मिचलाना, या उल्टी की शिकायत हो रही है, तो इसकी जांच कराना आवश्यक है।
त्वचा पर खुजली या दाने
लिवर खराब होने पर रक्त में विषैले तत्व जमा हो सकते हैं, जिससे मरीज को पूरे शरीर में खुजली हो सकती है, जो किसी स्किन क्रीम से भी नहीं जाती।
मल और मूत्र के रंग में बदलाव
अगर मल का रंग बहुत हल्का हो जाए और मूत्र का रंग गहरा, तो यह लिवर की कार्यप्रणाली में बाधा का संकेत हो सकता है।
डॉक्टर की सलाह:
इन लक्षणों के दिखने पर मरीज को चाहिए कि वे देरी न करें और किसी गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट या हेपेटोलॉजिस्ट से परामर्श लें। LFT (Liver Function Test), अल्ट्रासाउंड, और Fibroscan जैसी जांचों से लिवर की स्थिति का आकलन किया जा सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion):
लिवर की बीमारी को “साइलेंट किलर” भी कहा जाता है क्योंकि यह बिना किसी शोर-शराबे के धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाता है। लेकिन अगर मरीज सतर्क रहें और समय पर चिकित्सकीय सलाह लें, तो इलाज संभव है और जीवन सामान्य हो सकता है। लिवर की बीमारी को छुपाएं नहीं – समय रहते इलाज कराएं, जीवन बचाएं।